रायसेन: गौशाला आज लोगो की कमाई का जरिया बन चुकी है, गौशाला के नाम पर लोग किस तरह से इन मूक जानवरों के साथ पेश आते है यह जानकर आपको हैरानी होगी. गौसंरक्षण केंद्र में गौ के संरक्षण के नाम पर गौ का भक्षण किया जा रहा है. हम बात कर रहे हैं रायसेन के बृजमोहन रामकली गौसंरक्षण केंद्र रायसेन की. गौ को माता की तरह पूजने वाले भारत देश के एक गौसंरक्षण केंद्र में लगभग 150 गायों का कंकाल मिलना, हैरानी भरा तो है ही, लेकिन इसके पीछे का सच इंसानियत को शर्मसार करने वाला है.
रायसेन के इस गौसंरक्षण केंद्र में गाय का चमड़ा निकाला जाता है और उसका अवैध व्यापर किया जाता है. एक रिपोर्ट के अनुसार यहां करीब 150 गाय के कंकाल मिले हैं, जिनमे कुछ गायों के शव ऐसे भी हैं, जिनकी मृत्यु हाल ही में हुई है. लेकिन उनके शरीर पर खाल नहीं है. गौरक्षा के नाम पर गाय का चमड़े का अवैध व्यापर करने वाले इस केंद्र में किसी आम इंसान को घुसने की इजाजत नहीं है. वहां लठैत तैनात किये गए हैं.
केंद्र के मालिक प्रहलाद दास मागरे का कहना है कि, रोज़ाना पंद्रह से बीस गाय मरती है, उन्हें कहाँ तक दफ़न करें इसलिए कंकाल जमा हो गए हैं, प्रहलाद ने खाल निकलने के लिए भी एक कसाई गोपाल अहिरवार को रखा है, जिसे वो दस हज़ार रूपए महीना देता है. वहीँ आस पास के लोगों का कहना है कि, किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है और केंद्र में गायों को कुछ नहीं खिलाया जाता है. हैरानी की बात तो यह है कि, अगर केंद्र में रोज़ाना गायें मरती हैं तो 1998 में पंजीकृत हुई इस संस्था द्वारा कभी इस बारे में कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया या किसी को जानकारी क्यों नहीं दी गई. वहीं जब इस मामले में रायसेन कलेक्टर श्रीमती भावना वालिंबे जी से बात की, तो उन्होंने तत्काल ही पी के अग्रवाल उपसंचालक पशु को मौके पर भेजा और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
जहाँ गाय कटेगी उसी वक़्त कसाई भी कटेगा-गौरक्षक
मौलाना नदमी ने दिया गाय को लेकर बड़ा बयान
कंटेनर में छिपाकर गौतस्करी, रोकने पर फायरिंग