छत्तीसगढ़ के कांकेर गौशाला में प्रबंधन की लापरवाही से गायों की हुई मौत
छत्तीसगढ़ के कांकेर गौशाला में प्रबंधन की लापरवाही से गायों की हुई मौत
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कांकेर के कर्रामाड़ गांव की कामधेनु गौशाला को लोग अब तक काफी सम्मानीय नजरों से देखते थे. लेकिन अब ये गौशाला ग्रामीणों की आंखों की किरकिरी बन गई है. यहां काम करने वाले कर्मी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि माहभर के भीतर इस गौशाला में 140 गायों की मौत हुई है. सर्वाधिक मौत भूख के कारण हुई है, जबकि इस गौशाला को हर माह लाखों रुपए गायों के संरक्षण के लिए मिलते हैं. राज्य गौसेवा आयोग के रजिस्टर में यह गौशाला प्राथमिक रूप से दर्ज है.हालाँकि गौशाला प्रबंधन ने इस अवधि में सिर्फ 20 उम्रदराज गायों के मरने की बात कही है.

गौशाला में गायों की संख्या 283 है. कामगारों के मुताबिक गर्मी और बारिश के अलावा बिमारियों से भी कई गाएं मारी गईं. उनके मरने के बाद तत्काल गौशाला प्रबंधन उन्हें ठिकाने लगा देता है इसलिए किसी को भी गायों की मौत की भनक तक नहीं लग पाती.

गौशाल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

हफ्ते भर पहले ही स्थानीय वेटेनरी अस्पताल के डॉक्टर ने इस गौशाला का मुआयना किया था. स्थानीय वेटनरी डिस्पेंसरी में 3 अगस्त को 6 गायों की, 7 अगस्त को पांच, 8 अगस्त को 2, 9 और 10 अगस्त को एक-एक गाय, 11 अगस्त को दो और 12 अगस्त को तीन गायों की मौत यहां के रजिस्टर में दर्ज की गई है. स्थानीय पशु चिकित्सक के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गायों की मौत बीमारी से नहीं, बल्कि भूख की वजह से होना पाया गया है.

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