बीते दो साल के लगातार सूखे के बावजूद खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पादों की बिक्री में बड़ा उछाल आया है. टाइम्स आफ इण्डिया के अनुसार 2015-16 में खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पादों की बिक्री में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस वित्त वर्ष में इस उद्योग ने 36425 करोड़ रु. की बिक्री की, जबकि देश की टॉप एफएमसीजी कम्पनियों के कारोबार में कमी आई. इस सेक्टर में सिर्फ बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजलि आयुर्वेद ही फायदे में रही.
पतंजलि ने 2015-16 में दोहरे अंकों की वृद्धि हासिल की. बीते एक साल में कम्पनी का टर्न ओवर 5 हजार करोड़ से अधिक का रहा. यहाँ इस फर्क पर गौर करना जरुरी है कि एफएमसीजी कम्पनियों के अपने प्लांट हैं जहाँ उत्पादन होता है जबकि ग्रामोद्योग के उत्पादों को 7 लाख घरेलू यूनिटों में तैयार किया जाता है. इन इकाइयों को पीएमआरवाय के तहत फंडिंग दी जाती है.
उत्पादों की बिक्री आउटलेट्स के अलावा पापड़ अगरबत्ती जैसी चीजें निजी दुकानों के जरिए बेची जाती है. केवीआईसी के चेयरमैन वीके सक्सेना ने कहा हमारा कम पतंजलि जैसा नहीं है जो बड़े पैमाने पर कैम्पेन कर रही है. हमारी बिक्री मजबूत वितरण व्यवस्था और संस्थागत खरीदारों रेलवे और एयर इण्डिया जैसे ग्राहकों पर आधारित है.