नई दिल्ली : हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है कि जिसके अनुसार यह बात सामने आई है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश की करीब 100 शीर्ष कम्पनियों के द्वारा कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) को लेकर 5,240 करोड़ रु का खर्च किया गया है. जबकि चालू वित्त वर्ष की बात करें तो यह कहा जा रहा है कि इस दौरान करीब 850 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है. जबकि एक कंपनी आईआईएएस ने अपनी रिपोर्ट के माध्यम से यह बताया है कि वित्त वर्ष 2012-13 में यह खर्च 3 हजार करोड़ रुपये पर पहुँच गया था.
इस दौरान ही यह बात भी सामने आई है कि कम्पनियों को निर्धारित वित्तीय सीमा के दायरे में आने के लिए पिछले तीन सालों के नेट प्रॉफिट का न्यूनतम 2 फीसदी CSR गतिविधियों पर खर्च करना होता है. जबकि साथ ही यह भी बताया गया है कि 100 में से करीब 95 कम्पनियों को CSR मद में खर्च की जरुरत थी क्योकि बाकि का नुकसान औसत देखने को मिला है.
एक रिपोर्ट से यह बात भी सामने आई है कि इस सभी 95 कम्पनियों का CSR खर्च 5,190 करोड रुपये पर पहुंच चूका है. जबकि अन्य को नुकसान का सामना करना पड़ा है. लेकिन इसके बावजूद भी इनके द्वारा सीएसआर के लिए 50 करोड़ रुपये का खर्च किया गया. रिपोर्ट में ही यह भी कहा गया कि देश में 19 कंपनियां ऐसी है जिन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में 61 करोड़ रुपये और साथ ही 7 कंपनियां ऐसी है जिन्होंने स्वच्छ भारत के तहत 47 करोड़ रुपये का योगदान दिया है.