10 साल शिव 'राज' : प्रदेश के लिए सुखद रहा शिव का राज
10 साल शिव 'राज' : प्रदेश के लिए सुखद रहा शिव का राज
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भोपाल : मध्यप्रदेश को लेकर अक्सर आपने लोगों के मुंह से यह बातें सुनी होंगी कि जब किसी लक्ज़री वाहन से आप गुजरात से होते हुए या अन्य राज्यों से होते हुए मध्यप्रदेश पहुंच रहे हों और आपकी नींद लग जाए तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं होगी कि आखिर कब मध्यप्रदेश की सीमा में आप पहुंच गए हैं। अचानक गाड़ी हिचकोले लेने लगेगी और आपकी नींद टूट जाएगी। हालांकि अब मध्यप्रदेश को लेकर इस तरह के हालात देखने को नहीं मिलते हैं। कहा जाता है यहां शिव का राज है। सुराज है। आखिर क्या है शिव का राज।

यूं तो शिव का तात्पर्य भूलोक के स्वामी मृत्युंजय श्री महाकालेश्वर शिव से है मगर यहां यह तात्पर्य अर्थ में लिया गया। जनता अपने लोकप्रिय मुख्यमंत्री को कभी मामा तो कभी शिवराज कहकर बुलाती है। दरअसल वर्ष 2005 से मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कार्यकाल रहा है। इसके पहले भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में शानदार सफलता प्राप्त की।

इस समय भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया। भाजपा का यह दांव सही साबित हुआ। जनता कांग्रेस के भ्रष्टाचार युक्त और पिछड़ेपन के राज से त्रस्त हो चुकी थी। ऐसे में जनता ने साध्वी उमा भारती को मुख्यमंत्री के तौर पर अवसर दिया और प्रदेश में भाजपा का कमल खिला। इसके बाद तो भाजपा ने जैसे मुड़कर ही नहीं देखा। अगस्त 2004 में उमा भारती को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

दरअसल उनके विरूद्ध हुबली का मामला चला दिया गया और उन्हें अपने पद से हटाना पड़ा। ऐसे में बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। मगर बाबूलाल अधिक समय तक मुख्यमंत्री नहीं रहे। वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री का दायित्व शिवराज ने संभाला। पहले विपक्ष लगातार राज्य का नेतृत्व बदले जाने की आलोचना करता रहा लेकिन बाद में शिवराज के हाथ सरकार सौंपना भाजपा के लिए मिल का पत्थर साबित हुआ। शिवराज ने राज्य के विकास की जो कमान संभाली तो वह अब तक कमान संभाले हैं।

ऐसे में भाजपा के खाते में कई सफलताऐं जुड़ी। शिवराज सिंह के नेतृत्व में भाजपा को सबसे ज़्यादा श्रेय मिला तो यहां की खस्ताहाल सड़कों को दुरूस्त करने और एक शहर से दूसरे शहर में परिवहन को द्रुत करने और लोगों का समय बचाने में। ऐसे में कई छोटे शहरों के युवाओं को रोजगार के अवसर अपेक्षाकृत अधिक मिलने लगे। युवाओं को रोजगार देने की दिशा में भी भाजपा ने सकारात्मक कदम उठाया। स्वरोजगार के लिए भी भाजपा ने कई योजनाऐं प्रारंभ की।

प्रदेश की विद्युत प्रदाय की समस्या को बहुत हद तक हल करने का श्रेय भी शिवराज के खाते में गया। अटल ज्योति ग्रामीण विद्युतीकरण अभियान के माध्यम से भाजपानीत सरकार ने गांवों में बेहतर वि़द्युत प्रदाय कर ग्रामीण जनता को प्रसन्न किया। हालांकि शिवराज सरकार की कई खामियों को कांग्रेस ने भुनाने का प्रयास किया। पहले शिवराज का नाम डंपर कांड में उछाला गया तो फिर बाद में व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाला राज्य की राजनीति का काला अध्याय बन गया।

इसे राज्य में अब तक का सबसे बड़ा अनसुलझा घोटाला कहा जाता है। इस घोटाले ने सरकार के लिए मुश्किल कर दी है। हालांकि फिलहाल इस पर विपक्ष का हंगामा कुछ फीका पड़ गया है लेकिन भाजपानीत सरकार के एक पूर्व मंत्री के जेल चले जाने के बाद इस मसले पर भाजपा सरकार के लिए कुछ मुश्किल हो गई है। शिवराज सिंह के कार्यकाल में प्रदेश को आगर मालवा, आलीराजपुर और अन्य जिलों की सौगात मिली जिससे जनता को उम्मीद बंधी है कि अब इन ग्रामीण कस्बों में शहर का विकास आसानी हो हो सकेगा।

हालांकि मंजिल अभी दूर है। बेटी बचाओ अभियान, जननी सुरक्षा योजना शिवराज के कार्यकाल में प्रारंभ की गई लेकिन जनन सुरक्षा योजना का लाभ ऐसी कई महिलाओं को न मिलना सरकार के लिए ड्राॅ बैक रहा जिनका प्रसव अस्पताल के बाहर ही हो गया। प्रदेश में कुछ स्थानों पर ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें नसबंदी का गलत आॅपरेशन करने के दौरान महिला की मौत हो गई हालांकि ये मामले अपवाद रहे। मगर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार भी हुआ।

कई शहरों के जिला चिकित्सालयों को सीएम ने स्वयं अपने निरीक्षण से दुरूस्त किया। शिवराज के कार्यकाल की अच्छी बात यह है कि वे सघन जनसंपर्क बनाए रखते हैं। अतिव्यस्त होने के बाद भी कई जगह शिवराज स्वयं जमीनी स्तर पर निरीक्षण करने पहुंचे और हालातों को सुधारा। प्रदेश में तीन से अधिक ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से यहां उद्योगों की स्थापना को बल मिला है हालांकि अभी इस दिशा में तेजी आनी बाकी है लेकिन शिव राज के दस वर्षों का कार्यकाल उस प्रदेश के लिए सुखद रहे हैं जहां के नागरिक घंटों अंधेरे में गुजारने और हिचकोले खाती सड़कों का सफर तय करने के लिए जाने जाते थे। 

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