नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी का रविवार को दिल्ली स्थित उनके आवास पर निधन हो गया है. वह 95 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे. वह 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री के पद पर रहे. साथ ही उन्होंने कई हाई प्रोफाइल मुक़दमे भी लड़े. वह कराची से जेब में एक पैसा लेकर भारत आए थे, इसके बाद उन्होंने यहां बड़े-बड़े मुक़दमे लड़कर वकालत में नाम कमाया. आइए 10 बिंदुओं में जानते हैं राम जेठमलानी का करियर:-
1. राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर, 1923 को तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी के शिकारपुर (अब पाकिस्तान) में हुआ था.
2. राम जेठमलानी ने 17 वर्ष की आयु में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की. वह विशेष स्थिति में 18 वर्ष की आयु में वकील बने थे. जबकि वकील बनने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष थी. उन्होंने बाद में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से वकालत में मास्टर की.
3. राम जेठमलानी ने अपनी वकालत और प्रोफेसरी की शुरुआत देश के विभाजन से पहले सिंध प्रांत में की थी. उन्होंने कराची में अपने दोस्त एके ब्रोही के साथ मिलकर एक लॉ फर्म आरंभ की. फरवरी 1948 में देश के विभाजन के बाद कराची में दंगे भड़क उठे थे. ऐसे में वह ब्रोही की सलाह मानकर भारत आ गए. उस समय वह जेब में महज एक पैसा डालकर भारत आए थे. इस पैसे के आधार पर जेठमलानी कुछ दिनों तक यहां शरणार्थी शिविर में रहे थे.
4. जेठमलानी ने अपना पहला मुकदमा 17 वर्ष की आयु में सिंध की अदालत में लड़ा था. उन्होंने वकील बनने की न्यूनतम आयु के नियम को चुनौती दी थी. भारत में उन्होंने पहला मुकदमा बॉम्बे रेफ्यूजी एक्ट के खिलाफ लड़ा था. उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में यह केस लड़ा था.
5. 1954 में वह मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज में पार्ट टाइम प्रोफेसर बने. वह कुल चार दफा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन पद पर भी रहे.
6. 1977 और 1980 में लोकसभा चुनाव में वह जनता पार्टी और भाजपा के टिकट पर मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. 1985 में उन्हें यहां कांग्रेस के सुनील दत्त ने शिकस्त दी.
7. 1988 में वह राज्यसभा सांसद बने. 1996 में वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री बनाए गए. 1999 में वह दोबारा कानून मंत्री बने. 2004 में उन्होंने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा. किन्तु उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
8. 7 मई, 2010 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन का चेयरमैन बनाया गया. राम जेठमलानी शीर्ष अदालत में सबसे अधिक फीस लेने वाले वकील थे.
9. जेठमलानी की तरफ से लड़े गए कुछ बड़े मुकदमों में से हवाला कांड में लालकृष्ण आडवाणी का बचाव, जेसिका लाल हत्याकांड में मनु शर्मा का बचाव, इंदिरा गांधी के हत्या के आरोपियों का बचाव, राजीव गांधी की हत्या के आरोपियों का बचाव, सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में अमित शाह का बचाव, 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में कनिमोझी का बचाव, जग्गी हत्या के मामले में अमित जोगी का बचाव वाले मुक़दमे शामिल हैं.
10. जेठमलानी ने जोधपुर यौन शोषण मामले में आसाराम बापू की तरफ से मुकदमा भी लड़ा. भाकपा MLA कृष्णा देसाई हत्याकांड में शिवसेना के बचाव का मुकदमा और अरुण जेटली द्वारा दाखिल मानहानि मामले में AAP सुप्रीमो व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बचाव का मुकदमा लड़ा.
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