अहमदाबाद : रविवार को गुजरात सरकार ने अधिसूचना जारी कर गैर-आरक्षण समुदाय से तालुक्क रखने वाले आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात कही। दो दिन पहले ही इसकी घोषणा की गई थी। राज्य के स्थापना दिवस के मौके पर जारी गुजरात गैर-आरक्षित आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिसूचना, 2016 गैर-आरक्षित वर्ग से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देगी, जिनके परिवार की वार्षिक आय छह लाख रुपये से ज्यादा नहीं है।
अधिसूचना में साफ किया गया है कि आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग को दिया जाने वाला यह आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और एसईबीसी वर्ग को राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले आरक्षण से भिन्न है। इस वर्ग ने आर्थिक रुप से संपन्न ऊंचे वर्गो के साथ चल पाने में असमर्थता जताई है। यही कारण है कि ये पिछड़े वर्ग शिक्षण संस्थानों में दाखिले से लेकर राज्य के तहत दी जाने वाली सेवाओं व अन्य पदों पर प्रतिनिधित्व करने में पिछड़ा हुआ महसूस करते है।
अधिसूचना में कहा गया है कि एससी, एसटी और एसईबीसी के अलावा समाज में मौजूद आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर शिक्षण संस्थानों और राज्य के तहत सेवाओं तथा पदों पर नियुक्ति में 10 प्रतिशत आरक्षण देना जरूरी समझा गया।
पिछले आरक्षणों से इसे भिन्न बताते हुए कहा गया है कि राज्य सरकार इस स्थिति से वाकिफ है और समेकित विकास करने तथा समाज के अनारक्षित वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की तर्कपूर्ण जरूरतों को पूरा करने को अपना प्राथमिक कर्तव्य मानती है। ताकि वे भी सरकार की नीतियों का लाभ प्राप्त कर सकें।