कारगिल विजय दिवस : विजयगाथा की 10 ख़ास बातें, एक चरवाहे ने दी थी अहम सूचना
कारगिल विजय दिवस : विजयगाथा की 10 ख़ास बातें, एक चरवाहे ने दी थी अहम सूचना
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भारतीय सेना के शौर्य और साहस के प्रतीक के रूप में कारगिल विजय दिवस को भी याद किया जाता है। साल 1999 में पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध लड़ा गया था, इस युद्ध में पाकिस्तान को पटखनी देते हुए भारतीय सेना ने विजय हासिल की थी और भारत की इसी विजयगाथा को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते है कारगिल युद्ध या कारगिल विजय दिवस से जुड़ीं 10 ख़ास बातें। 

कारगिल युद्ध की 10 ख़ास बातें 

- यह बड़ी ही अनोखी और अजीब बात है भारतीय सेना को 3 मई 1999 को एक चरवाहे ने यह सूचना प्रदान की थी कि कारगिल में पाक सेना ने घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया है।  

- हिन्दुस्तान ने पाक को खदेड़ने के लिए जो कारगिल क्षेत्र में ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) नामक अभियान की शुरुआत की थी।  

- पाकिस्तानी सैनिको के मरने के कई अलग-अलग आंकड़ें बताए जाते हैं। एक आंकड़ा यह भी है कि कारगिल युद्ध में भारत ने पाक के 3 हजार से अधिक सैनिक मार गिराए थे। 

- 60 दिनों से अधिक के इस युद्ध में भारतीय सेना विजय रही थी। भारत को 26 जुलाई 1999 को विजय मिली थी। हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

-  पाक ने साजिश के तहत कारगिल में घुसपैठ की। कारगिल की जंग में दोनों देश 18 हजार फ़ीट की ऊंचाई पर आमने-सामने थे। भारत के लिए यह युद्ध कतई आसान नहीं था। ऐसा इसलिए क्योंकि दुश्मन पहले ही ऊंचाई पर जाकर बैठा हुआ था और हमे नीचे खाई में रहकर उसे जवाब देना था। 

- माँ भारती ने इस युद्ध में अपने 527 सपूत खो दिए थे। वहीं 1363 जांबाज घायल हुए थे। अंधेरी रात में चोरी-छिपे दुश्मन के समक्ष पहुंचना भारतीय जवानों के लिए कोई आसान काम नहीं था।  

- भारतीय सेना को युद्ध में बोफोर्स तोप ने ख़ूब सहयोग किया था। 

- कारगिल की जंग में भारतीय वायुसेना का बड़ा योगदान रहा। सेना ने पाक को आसमान से भी खदेड़ा और 32 हजार फीट की ऊंचाई से एयर पावर का इस्तेमाल किया गया था। 

- पाक के ख़िलाफ़ इस युद्ध में मिग-27 और मिग-29 ने भी हिस्सा लिया। इन्होंने ऐसे स्थानों पर बमों की बारिश की थी, जहां नापाक पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा था। 

- आधिकारिक रूप से कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) 26 जुलाई को मनाया जाता है। हालांकि इस युद्ध की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी ने 14 जुलाई को ही कर दी थी।  

 

 

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