नोटबन्दी से घटा भारत की विकास दर का अनुमान
नोटबन्दी से घटा भारत की विकास दर का अनुमान
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नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ ने नोटबंदी के बाद उपभोग के मोर्चे पर लगे अस्थायी झटके के मद्देनजर वृद्धि दर के अनुमान को कम किया हैं. बता दें कि पहले उसने देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. इससे पहले विश्व बैंक ने भी भारत की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया था.

उल्लेखनीय है कि आईएमएफ ने आज जारी वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा है कि भारत के लिए चालू वित्त वर्ष के वृद्धि दर के अनुमान को 1 फीसदी घटाया गया हैं, वहीं अगले साल के लिए इसमें 0.4 फीसदी की कटौती की गई है. नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की वजह से खपत के मोर्चे पर जो अस्थायी झटका लगा है उसके मद्देनजर वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है.

आईएमएफ के नए अनुमान के अनुसार भारत की वृद्धि दर 2016 में अब 6.6 फीसदी रहने का अनुमान है. पहले इसके 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. अगले साल यानी 2017 में आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है जो पहले 7.6 फीसदी था. 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले लगाए गए 7.7 फीसदी के अनुमान पर पहुंचेगी.

बता दें कि आईएमएफ ने उम्मीद जताई है कि 2016 में अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल के अगले 2 सालों में ठीक होने की उम्मीद है. आईएमएफ के अनुसार खासकर विकासशील देशों के बाजार अगले वर्षों में तेजी दिखा सकते हैं. वैश्विक वृद्धि दर का अनुमान 3.1 फीसदी ही रखा गया है. अक्टूबर 2016 में भी इतनी ही वृद्धि दर का अनुमान जताया गया था.

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