विवाह में हो रहे विलंब का यह है निवारण
विवाह में हो रहे विलंब का यह है निवारण
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विवाह में हो रहे विलंब का निवारण वर और बधु को जीवन की एक डोर मे बंधने से पहले ग्रहों तथा गुणों का मिलान करना अति आवश्यक होता है. जिससे वे अपने जीवन को सुखद व शांतिप्रद बना सकते है. विवाह संबंधी जानकारी शुक्र व बृहस्पति ग्रहो द्वारा प्राप्त की जाती है. कन्या के लिये बृहस्पति तथा वर के लिये शुक्र को महत्व दिया जाता है. यदि इन ग्रहों का चक्रण शुभ समय की ओर हे तो विवाह का संबंध बनने मे देर नहीं लगती पर किसी व्यक्ति के दांमपत्य जीवन में मंगल और सूर्य जैसे ग्रहों के चलते विवाह के योग मे काफी परेशानियाँ उत्पन्न होती है.

कुंडली मे मंगल और शनि की दशा के कारण विवाह मे काफी दिक्कते आती है. जिससे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती हे और कोई योग नही बन पता है. इन शुभ संबंधो को बनाने के लिये ग्रहों की शांति हेतु कुछ सरल उपाय जरूरी है. शुक्ल पक्ष के आते ही यदि कन्या हल्दी लगकर स्नान करे और ताँबे के पात्र मे गंगाजल के साथ हल्दी मिलाकर बृहस्पतये नमः का जाप करते हुए पीपल के ब्रक्ष मे अर्जित करे तो योग जल्द ही बनता है.

कन्या को चाहिये की वह दिन गुरुवार को पीले वश्त्र धारण कर भगवान बिष्णु की आराधना कर सात बेसन के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद रूप में व्यक्तियों के बीच बांटे तथा गुड़ व चने की दाल गाय को खिलाये. ऐसा करने से भगवान जल्द ही प्रशन्न होते हे जीवन में सुख सम्ब्रद्धी आती हे और विवाह का योग जल्द ही बन जाता है.

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