जानिए क्यों मनाई जाती है गणगौर

गणगौर व्रत चैत्र शुक्ल की तृतीया तिथि को किया जाता है

गणगौर का व्रत विवाहित और कुंवारी कन्याएं दोनों ही रखती है

इस व्रत में महिलाएं गण यानी भगवान शंकर और देवी गौरी की पूजा करती है

देवी गौरी ही संसार को सुहाग और सौभाग्य प्रदान करती है, इसलिए सुहागन महिलाएं शिव और देवी गौरी की पूजा करती है

मान्यता है कि चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि को देवी पार्वती ने संपूर्ण महिलाओं को सौभाग्य का आशीर्वाद दिया था

इसी कारण से महिलाएं सौभाग्य प्राप्ति की कामना से भगवान शिव के साथ देवी गौरी की पूजा करती है

मान्यता है कि गणगौर की पूजा सबसे पहले देवी पार्वती ने ही की थी

देवी पार्वती ने भगवान शिव की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की थी और शिव रूप में उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ था

इसलिए महिलाएं इस दिन शिव और गौरी की पूजा करती है

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