देवलोक में बादलों के बीच मनाई गई 'छठ'

28 दिसंबर 2013 को अरविन्द केजरीवाल जब दिल्ली के सीएम बने, तबसे ही वे यमुना को स्वच्छ और निर्मल करने का वादा कर रहे हैं.

आज इसके 9 साल बाद यमुना इतनी साफ हो गई है कि उसमे उतारकर स्वर्गलोक वाली फीलिंग आती है.

जहरीले झाग भरे पानी में भी गले तक उतारकर अपनी आस्था को बरक़रार रखना लोगों की मजबूरी है.

ये तो बिलकुल रामायण सीरियल के सीन जैसा दिख रहा है, जैसे बादलों में से देवता नीचे पुष्पवर्षा कर रहे हों.

सीएम केजरीवाल ने 2015 में भी वादा किया कि यमुना नदी को साफ कर दूंगा और खुद भी डुबकी लगाऊंगा

साल दर साल गुजरते गए, लेकिन न यमुना साफ हुई और न केजरीवाल जी ने डुबकी लगाई.

दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण पटाखों पर रोक लगाने वाली अदालतें इस प्रदूषण पर ध्यान क्यों नहीं देतीं ?

क्या इस रसायन युक्त पानी में उतरने के बाद इन लोगों को कोई खतरा नहीं है ?

विशेषज्ञ बताते हैं कि, इससे शरीर में खाज, खुजली और त्वचा से संबंधित अन्य बीमारियां हो सकती हैं.

लेकिन सरकार के साथ न्यायपालिका भी इस मुद्दे पर मौन है.

जनता भी बेचारी हर साल की तरह नेताओं के आश्वासन सुनती है और लौट जाती है.

अब फिर एक बार सीएम केजरीवाल ने कहा कि फरवरी 2025 के चुनाव तक यमुना नदी को साफ कर लेंगे और मैं खुद आपके साथ डुबकी लगाऊंगा.

जनता के नसीब में तो इंतज़ार ही है, अगले साल फिर छठ आएगी।

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