जिंदगी में और क्या रह जायेगा

तू नहीं तो जिंदगी में और क्या रह जायेगा दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जायेगा दर्द की सारी आहें और सारे गुजरे हादसे सब धुआँ हो जायेंगे एक बकिया रह जायेगा ये भी होगा वो मुझे दिल से भुला देगा मगर ये भी होगा वो खुद उसी में एक खफा रह जायेगा दायरे इंकार के इकरार की सरगोशियाँ ये अगर टूटे तो फसला रह जायेगा

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