जिन्दगी में क्यों अश्क का तूफान है

तेरा दर्द मुझ पे क्यों इतना मेहरबान है?  मेरी जिन्दगी में क्यों अश्क का तूफान है? धुन्ध सा बिखरा हुआ है हसरतों का मंजर,  ख्वाब का निगाहों में टूटा हुआ जहाँन है!

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