जिन्दगी का कोई अफसाना नही

उम्र बीत गयी जिन्दगी का कोई अफसाना नही मरने का शौक नही,जिंदगी का भी दिवाना नही . मुहब्बत में हीं तरबतर होती रही पूरी जिन्दगी ऊफनते हुए नफरत की तासीर कभी जाना नही . अपनी जिंदगी जीने का अंदाज है बहुत निराला कोई भी कमजोर समझकर कभी धमकाना नही . ये मुहब्बत भरा दिल खुला हुआ है सबके लिए इस दिल को समझना कभी मुसाफिरखाना नही . नफऱत के सौदागर तो लगे हुए हैं अपने काम में जो कुछ मुहब्बत मिली है,उसे कभी गँवाना नही . मुहब्बत के दुश्मनों की भी कमी नही जहान में  प्रेम दुनिया से हटकर नफरत के गीत गाना नही . दिल है एक घर, उसमें रखो मुहब्बत या नफरत दिल में बसी हुई मुहब्बत को कोई पहचाना नही . मुहब्बत से ही जिन्दगी को मिलती रही है ऊर्जा मुहब्बत में लूट गये तो भी कभी पछताना नही . श्रम की रोटी से दिल होता है आनंदित 'प्रकाश' बिन श्रम के आये धन से कभी रोटी खाना नही

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