मैंने देखा है गुलाबो को फलते हुए , चन्द लम्हों में ही अपनों को बदलते हुए ! यूं सोंचा ना था की तुम नीरस जाओगे , बन बदल हम पर तुम ही बरस जाओगे ! आरजू थी यूं तुम बातों से निखर जाओगे , पता ना था दिल में डाल जहर जाओगे !