लंदन ओलंपिक 2012 में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिला चुके पहलवान योगेश्वर दत्त को अपने ब्रॉन्ज मेडल के सिल्वर मेडल में बदलने के लिए अभी थोड़ा इंतजार और करना पड़ेगा. यह इंतजार तब तक करना पड़ेगा जब तक कि विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) उनके नमूने का परिक्षण नही कर लेती. भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के एक शीर्ष अधिकारी ने PTI से कहा कि यहां तक कि योगेश्वर को पदक सौंपने से पहले उन्हें भी 2012 के अपने टेस्ट में पाक साफ साबित होना पड़ेगा. अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘योगेश्वर का भी टेस्ट किया गया था और जब उनका डोप टेस्ट साफ आ जाएगा तो उन्हें सिल्वर मेडल सौंप दिया जाएगा." आपको बता दें कि वाडा के संसोधित नियमों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के दौरान लिये गये डोप के नमूने 10 साल तक फ्रीज में रखे जाते हैं ताकि समय के साथ उन्नत तकनीक आने पर उनका टेस्ट किया जा सके और यह सुनिश्चित हो सके कि भले ही देर से लेकिन ईमानदार खिलाड़ी को न्याय मिले. IOC नये नियमों को ध्यान में रखते हुए लंदन ओलंपिक के अलावा बीजिंग ओलंपिक 2008 और अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में एकत्रित किये गये नमूनों की दोबारा जांच कर रही है. योगेश्वर दत्त को मिली बड़ी खुशखबरी, कांस्य पदक से बने रजत पदक विजेता वहीं योगेश्वर दत्त ने ट्वीट कर कहा कि अगर हो सके तो यह मेडल कुदुखोव के परिवार के पास ही रहने दिया जाए. योगेश्वर ने ट्विटर पर लिखा, बेसिक कुदुखोव शानदार पहलवान थे. उनकी मृत्यु के बाद डोप टेस्ट में विफल हो जाना दुखद है. मैं खिलाड़ी के रूप में उनका सम्मान करता हूं. उन्होंने कहा, अगर हो सके तो यह पदक उन्हीं के पास रहने दिया जाए. उनके परिवार के लिए भी सम्मान पूर्ण होगा. मेरे लिए मानवीय संवेदना सर्वोपरि है. सुल्तान के फैन्स पर भड़के योगेश्वर, दिया ऐसा जवाब