ये राज़ पूंछा जाएगा

उठाकर कब्र से, ये राज़ पूंछा जाएगा, हुआ था क़त्ल तेरा या,की थी ख़ुदकुशी तुमने..!! तुम्हारी मौत का, है कौन खतावार बता,  तुमने चाहा था उसे या,की थी दिल्लगी तुमने..!! बुलाकर हुस्न को, पेशी कराई जायेगी, बे-वफाई उसने की है या,की थी बेरुखी तुमनें..!! बयान दे रही रूहें, जो भी नज़र से क़त्ल हुईं, उसने जान थी माँगीं या.,दी थी पेशगी तुमने..!! यहाँ पर दफन बहुत, दिलजले भी हैं मिले,  खुद की लाश है ढोई या,जी थी जिंदगी तुमने..!! "वीरान" इस अदालत में, है फैसला खिलाफ तेरे, नज़रों ने राज़ खोला है,की थी मयक़शी तुमने..!!

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