फिर छिड़ी रात बात फूलों की रात है या बारात फूलों की फूल के हार फूल के गजरे शाम फूलों की रात फूलों की आपका साथ साथ फूलों का आपकी बात बात फूलों की फूल खिलते रहेंगे दुनियां में रोज निकलेगी बात फूलों की नजरें मिलतीं हैं जाम मिलते हैं मिल रही है हायात फूलों की ये महकती हुयी गजल जेसे सेहरा में रात फूलों की