इस कारण देश का प्रमुख शहर है दिल्ली, सदियों से है महान नगर

दिल्ली की प्रमुख शहर के दर्जे की स्थिति के लिए सबसे अहम यमुना नदी है। यमुना नदी दिल्ली के उत्तर-पूर्व में बहते हुए आगे बढ़ती है। वास्तु में यह अवस्था सबसे शुभ मानी जाती है। उत्तर-पूर्व को ईशान कोण बोला जाता है। इसमें बड़े जल स्त्रोत के बहाव से दिल्ली को सदा प्रमुख जिलें की मान्यता प्राप्त होती है। तत्कालीन में यह देश की राजधानी है। महाभारत काल में भी इंद्रपस्थ पांडवों की राजधानी हुआ करता था। मुगल तथा अन्य शासकों ने भी दिल्ली से देश पर राज्य किया। अंग्रेज भी सन् 1911 में देश की राजधानी कोलकाता से दिल्ली ले आए।

वही पुराने वक़्त में नगरों गांवों को नदियों के किनारे बसाया जाता था जिससे जलस्त्रोत की पर्याप्तता बनी रहे। देश मथुरा, काशी, उज्जैन, हरिद्वार आदि कई मुख्य शहर हैं जो नदियों के किनारे बसे हैं। इन सभी में सबसे बेहतर बसाहट दिल्ली की है। लाल किला यमुना के दक्षिण-पश्चिम में बनाया गया। इस किले से भारत पर चार दशक से अधिक शासन चलाया गया। वर्तमान में भी राजधानी दिल्ली के प्रमुख भवन नदी के दक्षिण-पश्चिम में हैं। इससे दिल्ली का दर्जा हमेशा बढ़त पर रहा है।

ईशान कोण में स्वच्छ जल के बहाव का नियम है। यमुना जितनी साफ रहेगी। दिल्ली के लिए उतना ही ज्यादा लाभदायक होगा। यहां बता दें कि दिल्ली जितना पुराना शहर उज्जैन है। किन्तु यहां क्षिप्रा नदी दक्षिण-पश्चिम में बहती है। यह शुभ संयोग नहीं माना जाता। इसलिए आजतक उज्जैन ख्यातिलब्ध होकर भी विशाल नगर नहीं बन पाया।

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