राम श्याम और मुकेश मरने के बाद स्वर्ग के दरवाजे पर यमराज से राम : यमराज में पुजारी हुँ और दिन रात मेने ईश्वर की भक्ति की है मुझे स्वर्ग में भेजिए यमराज : चित्र गुप्त इसे नर्क में भेजो श्याम : भगवान में एक डॉक्टर हुँ और मेने हमेशा ही मरते हुए व्यक्तियों की जान बचाई है। यमराज : इसे भी नर्क में भेजो। यमराज मुकेश से तुम कोन हो मुकेश : में एक शादी शुदा आदमी हुँ। यमराज : बस कर पगले अब रुलाएगा क्या ? जा अंदर जा जी ले अपनी मोत।