यही जिंदगी है

दिल के टूट  जाने पर भी मुस्कुराना

शायद यही जिंदगी है ....

ठोकर लगने पर भी मंजिल तक पहुचना

शायद यही हिम्मत है ....

घनघोर अंधेरो में भी दिए  जलाना

शायद यही उम्मीद की किरण है .....

टूट कर बिखर जाना

शायद यही चाहत है

गिर जाना फिर सभल जाना

गिरकर भी फिर से खडे हो जाना...

शायद यही एक सपना है 

जब हम सब इन चीजो को पीछे भागते है

शायद "जिन्दगी इसी को कहते हैं....

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