यादें ताजा ना किया जाए

मेरी चाल से बादशाह इक्के निकल आते है , बड़ों - बड़ों को हराने बच्चे निकल आते है ! पुराने दिनों की यादें ताजा ना किया जाए , तुमसे किये वादे कुछ पक्के निकल आते है ! गम के दुनियां में बैठकर अश्रुधारा ना बहाओ , मयखने जैसे खुशियों के अड्डे निकल आते है ! गर गम दर्द गरीबी भी हो तो कोई बात नही , कभी कभी साथी कलम पन्ने निकल आते है ! अपने पर कभी अहम ना करना जनाब तुम , देखा है अच्छे रोड पर बड़े गड्ढे निकल आते है ! संगमरमर की तारीफ सुना था हमने ग़ालिब से , है खबर की दाग उस पर भद्दे निकल आते है ! हो जरूरत तुम्हे कुछ सच्चे जन की तो देखा है , झूठों की फ़ौज से कुछ सच्चे निकल आते है ! हो गर खाली बैठे घर में कुछ हाजरीन तो , कुछ ना कुछ बातों के मुद्दे निकल आते है ! बातों से होते थे मालूम अब तक ज़रदार हमे , घर उनके भी ' कुमार ' कच्चे निकल आते है !

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