भारत-अमेरिका के बीच हुआ रक्षा कार्ययोजना समझौता

नई दिल्ली : भारत और अमेरिका ने बुधवार को एक रक्षा कार्ययोजना समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो भारत की रक्षा क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, समझौते में भारत की रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए उचित उपाय किए जाने की बात शामिल है। सूत्रों ने कहा कि समझौते के अनुसार, अन्य बिंदुओं के अलावा भारत और अमेरिका एक विमान वाहक की डिजाइन तैयार करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

10 वर्षीय इस रक्षा कार्ययोजना समझौते को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के जनवरी में हुए भारत दौरे के दौरान नवीनीकृत किया गया था। इस वर्ष समाप्त हुए प्रथम कार्ययोजना समझौते पर हस्ताक्षर अमेरिका में 2005 में हुआ था, जिसपर तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी और तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री डोनाल्ड रम्सफील्ड ने हस्ताक्षर किए थे।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा कार्ययोजना समझौते पर हस्ताक्षर होने से बेहतर परिणाम का रास्ता साफ होगा। अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर के साथ समझौते पर हस्ताक्षर के बाद पर्रिकर ने कहा कि अतिरिक्त साहचर्यता से बेहतर परिणाम मिलेगा। पर्रिकर ने कहा, "एक भद्र व्यक्ति के साथ यह एक सुखद मुलाकात है, जिन्होंने आगे बढ़कर भारत का समर्थन किया है।"

इस बीच कार्टर ने अपने भारतीय समकक्ष की प्रशंसा की, तथा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी इस दौरान जिक्र किया, जिनसे उन्होंने पहले ही मुलाकात की थी। कार्टर ने कहा, "मैंने आज प्रधानमंत्री से बात की, उन्होंने रक्षा मंत्री (पर्रिकर) की तारीफ की। व्यावहारिक और कार्रवाई केंद्रित होने की उनकी अपनी प्रतिष्ठा है।"

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