एक समझदार व्यापारी दिल्ली की बैँक मेँ गया, और बैँक मेनेजर से रु.50,000 का लोन मांगा. बैँक मेनेजर ने ग्यारंटी मांगी. उस व्यापारी ने अपनी नयी BMW कार जो बैँक के सामने खड़ी हुई थी उसको गेरेँटी के रूप में बैंक से जमा करवा दी. बैंक मेनेजर ने गाडी के कागज चैक किए, और उस व्यापारी को तुरंत लोन देकर गाडी को बैंक कस्टडी मेँ खडी करने के लिए कर्मचारी को सुचना दी. वो व्यापारी वहां से 50,000 रुपये लेकर चला गया. उस बैँक का मेनेजर और कर्मचारी उस व्यापारी पर हँसने लगे और बात करने लगे कि यह करोडपति होते हुए भी अपनी 50,00,000 की गाडी सिर्फ 50,000 मेँ गिरवी रख कर चला गया. किस किस्म का मुर्ख और बेवक़ूफ़ व्यापारी हे। ठीक उसके 2 महीने बाद वही व्यापारी उसी बैँक मे वापस गया और लोन की सभी रकम ब्याज सहित देकर अपनी गाडी वापस लेने की इच्छा दर्शायी. बैँक मेनेजर ने हिसाब-किताब किया और बोला : 50,000 मुल रकम के साथ 1250 रुपये ब्याज बताया उस व्यापारी ने बैंक मेनेजर पुरे पैसे दे दिए. और अपनी गाड़ी की चाबी और कागज उससे वापस ले लिए बैँक मेनेजर से रहा नही गया तो उसने उस व्यापारी से पुछा : कि आप इतने करोडपति होते हुए भी आपको ऐसे 50,000 रुपयो कि जरुरत क्यों - कैसे पडी ? और मात्र 50,000 के लिए आपने अपनी गाड़ी गिरवी रख दी । तब उस व्यापारी ने जवाब दिया : मैँ दिल्ली के बाहर से आया था और मैँ अमेरिका जा रहा था. चूँकि दिल्ली से मेरी फ्लाइट थी. दिल्ली मेँ ही मुझे मेरी गाडी कहीं पार्क करना थी और यह मेरी सबसे बडी समस्या थी. लेकिन तभी मेरे दिमाग में एक तरकीब आई में आपके पास आया और मेरी इस समस्या को आपने आसानी से हल कर दिया. मेरी इतनी महँगी गाडी भी सेफ कस्टडी मेँ रही दो महीने तक आपने संभाल के रखा और 50,000 रुपये खर्च करने के लिए भी दे दिए दोनो काम करने का चार्ज लगा सिर्फ 1250 रुपये. अगर यही काम में बाहर कहीं करता तो शायद मुझे 15,000 से 20,000 का खर्च आता और गाड़ी की सेफ कस्टडी रहती या नहीं कोई भरोसा नहीं था। अतः आपका बहुत बहुत धन्यवाद.! इसलिए कहते हे दोस्तो कि जीवन में 100 मूर्खो के बजाय एक समझदार आदमी का साथ सबसे अच्छा होता है । इसी बात पर एक शेर अर्ज किया हे गौर फरमाइयेगा आदते बुरी नही हमारी, बस थोडे शौक उँचे है वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही, की हम देखे और वो पूरा ना हो... हम बादशाहो के बादशाह है, इसलीए गुलामो जैसी हरकते नही, नोटो पर फोटो हमारा भी हो सकता, पर लोगो की जेब मे रहना हमारी फीतरत नही |