आपने देखा होगा की सगाई की अंगूठी हमेशा बाएं हाथ की चौथी उंगली में ही पहनाई जाती है. लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये अंगूठी इसी उंगली में क्यों पहनी जाती है. इसको विवाह चिन्ह माना जाता है, लेकिन यह परंपरा शुरू कहां से की गई. आइए जानते है 1-शादी वाले दिन एक दूसरे की उंगली में अंगूठी पहना कर हम एक दूसरे के प्रति वफादार व प्रतिबद्ध रहने प्रण लेते हैं. शादी की अंगूठी पहन कर व्यक्ति अपनी पत्नी व परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने की क्षमता को व्यक्त करता है. साथ में वह जिंदगी भर अपनी पत्नी की रक्षा करने का वादा करता है. 2-उस दौर में यह माना जाता था कि बाएं हाथ की चौथी उंगली की नस सीधे दिल से जुड़ती है. इस धारणा के कारण इस नस को प्यार की नस कहा जाता था. पश्चिमी देश के लोगों को इस परंपरा में अधिक विश्वास था. इस वजह से वे अपने बाएं हाथ की चौथी उंगली में अंगूठी पहने लगे. 3-यह भी माना जाता है कि शादी की अंगूठी पहनना एक दूसरे के लिए प्यार जाहिर करने का एक तरीका है. इस तरह एक शादीशुदा जोड़ा एक दूसरे के लिए अपने शाश्वत प्रेम को घोषित करता है. 4-हालांकि ऐसा कोई नियम नहीं है कि आपको अपनी शादी की अंगूठी बाएं हाथ की चौथी उंगली में ही पहननी है. मध्य व उत्तरी यूरोप के कई सारे शादीशुदा जोड़े अपने दाएं हाथ की चौथी उंगली में भी शादी की अंगूठी पहनते हैं. पुत्र प्राप्ति, उन्नति के लिए और अकाल मृत्यु के...