कौन है लोटन बाबा और क्यों है सर्खियों में ?

आस्था गज़ब की चीज़ है लोगों से कुछ भी करा सकती है इसका ही एक नमूना है 'लोटन बाबा' जो इन दिनों सुर्खियों में छाए हैं. लोटन बाबा ने जो कारनामा किया उसे देखकर हर कोई दंग है. 

दरअसल, लोटन बाबा वैष्णो देवी तक लुढ़कते हुए जा रहे हैं. बाबा को देख हर कोई दांतों तले अंगुली दबा रहा है.  बाबा तेजी से हाईवे पर पैरों का प्रयोग किए बिना लुढ़कते हुए वैष्णो देवी के दर्शन को जा रहे हैं और उनके साथ तीन सहयोगी संत भी हैं. यात्रा छह माह में कटरा (जम्मू) पहुंचेगी. महाराष्ट्र के होशंगाबाद में पिपरिया के दुर्गा मंदिर से बाबा लोटन दास ने अगस्त 2017 में लुढ़कते हुए अपनी यह यात्रा शुरू की है. सात माह बाद यात्रा का पड़ाव फरह के निकट रहा और ऐसा नहीं है कि बाबा अकेले हों, वरन उनके साथ पूरा तामझाम बंधा है. एक रथनुमा गाड़ी उनके आगे-आगे चलती है और साथ में एक काला कुत्ता भी बाबा की यात्रा में चल रहा है.

दो अन्य सहयोगी संत उनके साथ पैदल यात्रा पूरी कर रहे हैं. देवी भक्त लोटन ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य जनकल्याण है तो वहीँ लुढ़कते-लुढ़कते बाबा के पैर लहूलुहान हो गए हैं लेकिन बाबा को इस बात की तनिक चिंता नहीं है.  आसपास से गुजरने वाले लोग ये देखकर हैरान रह जाते हैं. साथ चल रहे गूंगा महाराज व नर्मदा देव बताते हैं कि डामर की रोड पर लुढ़कते-लुढ़कते बाबा के कपड़े दो दिन चल पाते हैं और तीसरे दिन नए और मोटे कपड़े पहनाने होते हैं. वह बताते हैं कि वे एक दिन में छह सात किमी की यात्रा करते हैं और इसके बाद वहीं रात्रि ठहराव करते हैं.

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