बबूल के छाल से ठीक होता है सफ़ेद दाग

बबूल एक कांटेदार पेड़ होता है.ये पानी के निकट तथा काली मिटटी में होता है .ये एक जंगली पेड़ है. गर्मी के मौसम में इसमें पीले रंग के फूल आते है. इसके कांटे सफ़ेद और काफी लंबे होते है. इसकी पत्तिया बहुत छोटी होती है, और ये ज्यादा कर के रेगिस्तान मे पाया जाता है. इसमें कई रोगों को शांत करने की शक्ति होती है. लेकिन सबसे ज्यादा ये शरीर पर हुए सफ़ेद दागों पर असर करता है.

बबूल की छाल को पीस कर जहा सफ़ेद दाग है, वहाँ लगाने से दाग जल्दी ठीक हो जाते है. इसे काढ़े के रूप में भी पिया जा सकता है.

बबूल, जामुन और फूली हुई फिटकिरी का काढ़ा  बना कर, उस काढ़े से कुल्ला करने पर मुँह के सभी रोग दूर हो जाते है.

बबूल की फली के छिलके और बादाम के छिलके की राख में नमक मिला केर मंजन करने से दांत का दर्द ठीक होता है.

बबूल के पत्तो के रस मे शहद मिला कर पीने से दस्त ठीक हो जाता है.

बबूल के पत्तों को बारीक पीस ले उसकी टिकिया बना कर आँख पर बाँधने से आँखों की सूजन और जलन में आराम मिलता है.

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