जब बच्चा चोरी करने लगें तो

बच्चा अनजाने में किसी और का खिलौना घर ले आए, तो ऐसी स्थिति को हल्के में न ले. बच्चें का अनजाने में किसी और का सामान ले आना या चोरी करने जैसी बातों पर ध्यान दे. बच्चों का आत्म-नियंत्रण नहीं होता हैं जो कि एक सीखाया जाने वाला व्यवहार हैं. आपको बच्चें को समझाना होगा कि वह झूठ नहीं कहे. बच्चों में आत्मनियंत्रण नहीं होता हैं और अभिभावक उसे और अधिक बढ़ावा देते हैं.

अभिभावक बच्चे को ढेर सारे खिलौने और चॉकलेट्स देते हैं, उनकी मांगे पूरी करते हैं. यदि आप चाहते हैं कि बच्चा आत्म-नियंत्रण सीखे, तो उसे खुद अपनी पसंद की चीजें चुनने दे. आप ऐसा कर सकते हैं, टॉय स्टोर से एक खिलौना लेना, पुरे सप्ताह में सिर्फ एक कैंडी लेने की शर्त बच्चें के सामने रख सकते हैं जिससे पूरी दुकान में बच्चा एक खिलौना ही पसंद करेगा. बच्चें को उसके गलत व्यवहार के कारण शर्मिंदा करने के बजाय अच्छे कामो की प्रशंसा करे. उन्हें समझाए ताकि वह हर समय सकारात्मक व्यवहार करे.

बच्चों को विश्वास का अर्थ और महत्त्व समझाए. यदि बच्चें को चोरी की आदत हैं तब उन्हें समझाए, इससे वह किसी का विश्वास खोते हैं. बच्चों को चीजें खेल के माध्यम से भी समझाए. यदि चोरी की आदत किसी और चीज से जुडी हुई हैं तब किसी एक्सपर्ट्स से सलाह ले.

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