1. यूँ आँखों से ये बातें... हमें प्यार की भाषा नहीं आती अजनबी, यूँ आँखों से ये बातें बनाया न कीजिए. ज़रा नादान हैं हम अभी इश्क में सनम, यूँ सबक इश्क़ के हमें पढ़ाया न कीजिए. न रोका कीजिए हमें राहों में इस तरह, यूँ पकड़ के कलाई हमें सताया न कीजिए. पत्थरों के हैं मौसम काँच के हैं रास्ते, ख़्वाबों के इस शहर में ले जाया न कीजिए. हम तुम्हारे हैं तो हो जाएंगे तुम्हारे, यूँ मोहब्बत को सरे-आम दिखाया न कीजिए. न कीजिए तारीफ हर बात में हमारी, महफ़िलों में ग़ज़लें यूँ गाया न कीजिए. होता है जिक्र साथ जो तुम्हारा और मेरा, बेहताशा इस कदर मुस्कुराया न कीजिए. सुना है पूछते सब आपसे नाम हमारा, गुजारिश है साहिब किसी से बताया न कीजिए. हम डरते हैं बदनाम हो जाने से जरा, मगर गुमनाम भी हमें बताया न कीजिए. 2. नया शहर कोई... सिर्फ दीवारों का ना हो घर कोई, चलो ढूंढते है नया शहर कोई. फिसलती जाती है रेत पैरों तले, इम्तहाँ ले रहा है समंदर कोई. काँटों के साथ भी फूल मुस्कुराते है, मुझको भी सिखा दे ये हुनर कोई. लोग अच्छे है फिर भी फासला रखना, मीठा भी हो सकता है जहर कोई. परिंदे खुद ही छू लेते हैं आसमाँ, नहीं देता हैं उन्हें पर कोई. हो गया हैं आसमाँ कितना खाली, लगता हैं गिर गया हैं शज़र कोई. हर्फ़ ज़िन्दगी के लिखना तो इस तरह, पलटे बिना ही पन्ने पढ़ ले हर कोई. कब तक बुलाते रहेंगे ये रस्ते मुझे, ख़त्म क्यों नहीं होता सफर कोई. दोस्ती पर शायरी Holi 2018 : ये है होलिका दहन का मुहूर्त करोड़ों लोगो को दीवाना बनाने वाली प्रिया इस क्रिकेटर की है दीवानी