बहुत घातक होता है अस्थमा का अटैक

श्वास सम्बन्धी वैसे तो बहुत सी बीमारियां है लेकिन अस्थमा सबसे घातक बिमारी है. इस बिमारी में फेफड़ो तक सही मात्रा में आक्सीजन नहीं पंहुच पाता और सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है. अस्थमा के कई लक्षण है, इनको आराम से पहचाना जा सकता है.

जैसे, जब आप जल्दी-जल्दी सांस लेने लगें, सांस लेने में दिक्कत हो, खांसी हो, पसलियां चल रही हों, आदि. जब किसी व्यक्ति को अस्थमा का दौरा पड़ता है तो वह सामान्य साँस के लिए भी गहरी-गहरी या लंबी-लंबी साँस लेता है; नाक से ली गई साँस कम पड़ती है तो मुँह खोलकर साँस लेता है.

अस्थमा ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन प्रभावी दवा के साथ, अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है. अस्थमा जैसी स्थायी बीमारी के लिए दवा और देखभाल आवश्यक है. आईसीटी में दवा की बहुत कम डोज सीधे सूजन भरी सांस की नलियों में पहुंचती है. इसके साइड इफैक्ट्स भी सीमित होते हैं. कई रोगी जब खुद को बेहतर महसूस करते हैं तो इंहेलर लेना छोड़ देते हैं. यह खतरनाक हो सकता है, क्योंकि आप उस इलाज को बीच में छोड़ रहे हैं, जिससे आप फिट और स्वस्थ रहते हैं. दवा छोड़ने से पहले चिकित्सक का परामर्श आवश्यक होता है.

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