किशोरावस्था में प्रेग्नेंसी क्या असर करती है लड़कियों पर

गर्भावस्था का असर महिला के मन पर होता है और गर्भावस्था किशोरअवस्था में हो तो असर बढ़ने के आसार बढ़ जाते है. कम उम्र में युवती के गर्भ से होने से कई तरह से समस्याए हो सकती है. इसमें भावनात्मक, वित्तीय और शैक्षिक समस्याए खास होती है. प्रेग्नेंसी में किशोरी को सिर्फ अल्ट्रासाउंड ही नहीं कई मामलो में सलाह की जरूरत होती है.

कम उम्र का गर्भ शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य पर गलत असर डालता है. किशोर अवस्था मस्ती से भरी उम्र होती है. इसमें शरीर का विकास होता है. यदि इस समय में गर्भ हो तो गर्भावस्था में वजन बढ़ना, स्तन वृद्धि और शरीर में सूजन आना जैसे कई परिवर्तन होते है जो किशोरी की सुंदरता और मन पर विपरीत असर डालता है. किशोर अवस्था में माँ बनने पर लड़की की शिक्षा पर गलर असर पड़ता है.

शिक्षा की कमी से उसके कैरियर पर गलत असर पड़ता है. कई युवतिया तो गर्भधारण के पश्चात कराने के बाद गर्भपात करा लेती है जिससे उनमे डिप्रेशन और टेंशन के साथ शरीर में कमजोरी तक आ जाती है. किशोर अवस्था में गर्भधारण करने से बच्चे के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है.

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