बाघों को देखने का है शौक तो एक बार जरूर जाए पन्ना

पन्ना दो बातों के लिए प्रसिद्ध है. एक तो हीरे की खान और दूसरा टाइगर रिजर्व. एक तरफ जहां राजस्थान में सरिस्का व रणथंबौर जैसे टाइगर रिजर्व तेजी से लुप्त हो रहे बाघों के लिए चर्चा में हैं, वहीं पन्ना उन अभयारण्यों में है जहां अभी भी आसानी से बाघ देखे जा सकते हैं. पिछले सेंसस में यहां बाघों की संख्या तीस से ज्यादा आंकी गई थी. 

यहां आप बाघ के अलावा भालू, जंगली सुअर, लकड़बग्घा, भेडि़या, सियार आदि भी देख सकते हैं. बारहसिंगों, सांभर, नीलगायों आदि की तो यहां भरमार है. पन्ना टाइगर रिजर्व के सामने आरक्षित वनक्षेत्र है. यहां वे सभी जानवर मिल जाते हैं जो रिजर्व में पाए जाते हैं. इसी जंगल में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 75 से 16 किमी अंदर है झिनना जंगल कैंप. इसका सबसे रोमांचकारी पहलू यही है कि यहां कैंप के आसपास दूर-दूर तक घना जंगल है. दिन में टाइगर रिजर्व की सैर के बाद रात में आप नाइट सफारी का मजा ले सकते हैं. सांभर, नीलगाय, सियार व जंगली सुअर यहां दिन में भी देखे जा सकते हैं. किस्मत बुलंद हो तो अंधेरा होते -होते आप कैंप के पास लड़ते भालू भी देख सकते हैं, पर डरने की जरूरत नहीं. कैंप किसी भी जंगली जानवर के हमले से पूरी तरह महफूज है. 

झिनना जंगल कैंप में रहने का आनंद भी जंगल जैसा है. यहां तीन कॉटेज हैं और बाकी टेंट. बिजली-पानी की सुविधा भी पूरी तरह दुरुस्त है. खाने के लिए लजीज बुंदेली व्यंजन और किराया महज एक सस्ते होटल बराबर यानी कॉटेज का पांच सौ और टेंट का तीन सौ रुपये तक. तो देर किस बात की आज ही पन्ना की टिकट बुक करवाइये और जंगल के बीच जानवरों से रूबरू होकर आइये. 

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