सुलह नहीं हो सकी, अब उमा पर कानूनी शिकंजा

भोपाल : कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के बीच सुलह नहीं हो सकी है। अब उमा पर कानूनी शिकंजा कसता नजर आ रहा है और इसके चलते स्थानीय एक जिला अदालत की ओर से उमा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2003 के पहले प्रदेश में हुये विधानसभा चुनाव के दौरान उमा भारती ने दिग्गी पर 15 हजार करोड के घोटाला करने का आरोप लगाया था। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने उमा भारती पर मानहानि का दावा ठोंका था। यह मामला उस समय का था जब विधानसभा चुनाव में उमा बीजेपी की ओर से बतौर मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार थी।

घोटाले का आरोप लगने के बाद कांग्रेस के खिलाफ पूरे प्रदेश में लहर चली और इसका परिणाम कांग्रेस को करारी हार के रूप में देखना पड़ा था। दिग्गी ने यह कहा था कि उमा भारती उन पर लगाये गये आरोप को कभी साबित नहीं कर सकती है। बताया गया है कि दोनों के बीच सुलह होने के भी प्रयास हुये थे लेकिन बात नहीं बन सकी।

कोर्ट ने उमा को अपना पक्ष रखने के लिये बुलाया था, लेकिन वे हाजिर नहीं हो सकी थी। अब गुरूवार को जिला अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। दिग्विजयसिंह ने यह कहा था कि उमा यदि उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांग ले तो वे अपना केस वापस ले सकते है।

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