वो नज़रों से छुपा कर

दिलों में खुंदक, चेहरों पर मुस्कान रखते हैं वो नज़रों से छुपा कर, तीर कमान रखते हैं मौका मिलते ही उतार देते हैं तीर दिल में, ग़ज़ब है कि फिर भी, वो शीरी ज़ुबान रखते हैं कैसा ये शहर यहां हर तरफ यही शोर है, कि यहाँ के लोग अपनी जेबों में, ईमान रखते हैं किसी भूखे को एक निबाला न दे सके कभी, फिर भी ज़न्नत पाने का, वो अरमान रखते हैं

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