वो हौंसला रखता हूँ मैं

झुका दे आसमां ,वो हौंसला रखता हूँ मैं , आग सीने में नज़र में जलजला रखता हूँ मैं । कौन जाने किस तरह ,वो पेश आयें इसलिये , म्यान से बाहर जुरुर खंजर खुला रखता हूँ मैं।

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