अहमदाबाद: फिल्म "पद्मावत" को लेकर विवाद में एक के बाद एक नया मोड़ आता जा रहा है, "पद्मावत" का विरोध करती करणी सेना कभी नरम रुख अख्तियार करती है तो कभी उसके द्वारा हिंसक प्रदर्शन और धमकियां देखने को मिलती है. करणी सेना के समर्थकों ने फिल्‍म की तारीफ तो की है, लेकिन करणी सेना अपनी मांग पर फिर से अड़ती नजर आ रही है. करणी सेना के सदस्यों ने नोएडा में फिल्म देखी जिसके बाद मीडिएटर की भूमिका निभा रहे सुरेश चवहांके ने कहा कि फिल्‍म में ऐसा कोई सीन नहीं है जिससे राजपूतों की भावनाएं आहत हो. उन्‍होंने इसे करणी सेना और राजपूतों की जीत करार देते हुए कहा कि, "भंसाली को वे सभी सीन हटाने पड़े जिन पर ऐतराज था". वहीं करणी सेना के महिपाल मकराना ने कहा कि विवाद खत्‍म नहीं हुआ है. भंसाली को इसका खामियाज़ा भुगतना ही होगा यानी नुकसाना झेलना होगा. वहीं पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का नाम पद्मावती विवाद में जुड़ जाने से गुजरात भी दहक रहा है. गुजरात के अहमदाबाद शहर में एक मॉल के बाहर हिंसक प्रदर्शन होने की सुचना मिली है. यहां बाहर खड़े वाहनों में आग लगा दी गई, और कुछ जगह तोड़-फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं. बता दें कि करणी सेना के विरोध को देखते हुए निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली ने फिल्‍म पद्मावत को देखने के लिए राजपूत समाज को न्‍योता दिया था. मंगलवार को नोएडा में राजपूत समाज के प्रतिनिधियों को फिल्‍म दिखाई गई. इस फिल्‍म को देखने के बाद राजपूत समाज ने फिल्‍म को हरी झंडी दे दी थी. पद्मावत विवाद : नोएडा में धारा 144 मौसम में बदलाव से तापमान सामान्य विश्व के इन देशों में आप मुफ्त में पा सकते हैं उच्च शिक्षा