विजय माल्या की मुसीबते फिर से बड़ी

मुंबई : किंगफिशर के मालिक विजय माल्या बार- बार मुसीबत के पहाड़ टूटते दिखाई दे रहा है हालही ताजा मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने विजय माल्या पर 25 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। दरअसल, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सभी एअरलाइंस को कड़ा संदेश दिया है। और इसी के तहत एनसीडीआर ने किंगफिशर से 25 लाख रुपये भारत सरकार के उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने का आदेश दिया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने किंगफिशर एअरलाइंस पर आरोप लगाया है कि उसने उपभोक्ताओं से प्रीमियर सर्विस का भुगतान लिया है जबकि उसने सर्विस लो कॉस्ट की दी गई।
दरअसल दिल्ली के एक वकील जेके मित्तल और कन्ज्यूमर वॉयस नाम के एनजीओ ने साल 2008 में एक याचिका डाली थी। इस मामले पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने निर्देश देते हुए कहा है कि इस ऑर्डर की एक-एक प्रति सिविल एविएशन के डीजी और भारत सरकार के सिविल एविएशन विभाग के सचिव को भी दी जाएं। किंगफिशर एअरलाइंस के मामले में कमिशन ने ये भी कहा है कि उन्हें नहीं पता कि इस तरह के कितने टिकट बेचे गए हैं लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि बेचे गए ऐसे टिकटों की बहुतायत हो सकती है। और ये भी नहीं बताया जा सकता है कि ऐसे टिकट बेचकर किंगफिशर ने कितने पैसे कमाए हैं लेकिन इतना जरूर है कि ये रकम बहुत ज्यादा होगी।
विजय मालया का ड्रीम प्रोजेक्ट किंगफिशर एयरलाइंस ग्राउंडेड होने के करीब दो साला बाद भी माल्या की नींदे उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। हाल ही मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (एमआईएएल) ने किसी समय मालया की शान का प्रतीक रहे 11-सीटर जेट की नीलामी की। इस जेट को कुर्ला के खरीदार साइलेंट एंटरप्राइसेस ने 22 लाख में खरीदा है। एमआईएएल ने किंगफिशर एयरलाइंस पर बकाया एयरपोर्ट चार्जेस की वसूली के लिए इसे नीलाम किया है। वहीं इसे खरीदने वाली फर्म को उम्मीद है कि वह इस विमान के हिस्सों को कबाड़ में बेच कर यह रकम वसूल लेगी। साइलेंट एंटरप्राइसेस ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है। फर्म के कर्मचारी इस विमान के हिस्सों को अलग करने में जुटे हुए हैं, ताकि इसे बेचा जा सके।

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