रावत के कारण ही उतराखंड की सरकार गिरी और राष्ट्रपति शासन लगा

हरिद्वार: उतराखंड में लगाए गए राष्ट्रपति शासन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बागी विधायक विजय बहुगुणा का कहना है कि राज्य में सरकार सत्ताधारी सरकार के कर्मो के कारण ही गिरी है। उनका कहना है कि हरीश रावत की सरकार उनके कर्मो के कारण गिरी है। किसी ने नहीं गिराया है।

राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन की वजह भी रावत ही है। बहगुणा ने रावत पर आरोप लगाया कि वो निरंकुश है। वो केवल घषणाएं करती है, विकास नहीं। खुद को बागी मानने से इंकार करते हुए बहुगुणा ने कहा कि राज्य में स्वार्थी तत्वों को बढ़ावा दिया जा रहा था।

उन्होने कहा कि उनका विरोध किसी पार्टी से नहीं बल्कि व्यक्ति से था। एक सवाल के जवाब में बहुगुणा ने कहा कि राष्ट्रपति शासन में काम बेहतर तरीके से और तेज गति से हो रहे है। उनका मानना है कि यदि रावत समय पर इस्तीफा दे देते तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया गया होता।

रावत खनन के नाम पर नदियां खोदते थे, इसलिए हमने उनकी कुर्सी को ही खोद दिया। रावत को अपना मित्र बताते हुए उन्होने कहा कि रावत ने उनके मुख्यमंत्री काल में की गई घोषणाओं को भी पूरा नहीं किया। उनके द्वारा किए गए शिलान्यास पर से भी उनका नाम हटवा दिया गया। इससे पहले बहुगुणा ने द्वारका शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद महाराज से भी मुलाकात की।

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