उत्तर प्रदेश : PhD धारकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी - जरूर पढ़ें

लखनऊ-मिली जानकारी के मुताबिक़ बताया जा रहा है की उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को देखते हुए साथ ही साथ शिक्षकों के बहुत से पद रिक्त होने पर सहायक प्रोफेसरों के पद पर भर्ती के लिए यूजीसी संशोधन रेगुलेशन 2016 को प्रदेश में भी लागू करते हुए 11 जुलाई, 2009 तक के पीएचडी धारक अभ्यर्थियों को नेट (National Eligibility Test) से छूट दी जा रही है.जिससे अब पीएचडी धारक जल्द ही प्रोफेसर पदों पर कार्य करेगें.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया, "विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर के बहुत से पद अभी भी खाली पड़े हुए है. तथा National Eligibility टेस्ट की वजह से भी इन पदों पर भर्तियां रुकी हुई हैं. पीएचडी धारक अभ्यर्थियों को नेट से छूट देने के बाद विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर भर्ती हो जाएगी.

उन्होंने यह बात भी कही की शिक्षकों की भर्ती के बाद शिक्षा के क्षेत्र और पठन-पाठन के स्तर में भी काफी सुधार आएगा. उपमुख्यमंत्री ने सचिवालय स्थित कार्यालय में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में छूट प्रदान करने के निर्देश भी दिए.

बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा चतुर्थ संशोधन विनियम 2016 को दिनांक चार मई, 2016 से प्रभावी किया गया है, जिसके माध्यम से विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर के पद पर भर्ती हेतु अनिवार्य अर्हता नेट स्लेट सेट से ऐसे अभ्यर्थियों को छूट प्रदान की गई है, जिनके द्वारा पीएचडी रेगुलेशन, 2009 के लागू होने की तिथि 11 जुलाई, 2009 को पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली हो. 

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