'वनिता' नाम तो सुना ही होगा। जी हाँ ,देश की महिलाओं के लिए छपने वाली सबसे बड़ी और पॉपुलर मैगज़ीन ,जिसमे शुरू से लेकर आखिर तक महिलाएं ही कवर पर दिखती हैं। हर जगह ये मैगज़ीन अब प्रसिद्द है। रेलवे स्टेशन से लेकर अपने घरों तक। पहले ये मलयालम भाषा में प्रकाशित होती थी लेकिन अब ये हिंदी भाषा में भी उपलब्ध है। मलायम मैगज़ीन ने इस बार यह कवर बदल दिया है। जिसमे हमेशा रेगुलर महिलाओ की तस्वीरे कवर पर होती थी वही इस बार इस मैगज़ीन ने एक हिजड़े की तस्वीर लगायी है जिसमे उन्होंने उनकी कहानी भी बयां की है। कवर पर दिखने वाली ‘दीप्ति’ एक ट्रांसजेंडर मॉडल हैं। शिनोज के नाम से पैदा हुईं दीप्ति बाद में हिजड़ा बन गईं। वनिता ने दीप्ति का इंटरव्यू छापा है। जिसमें उनके हिजड़ा बनने और इस प्रोसेस में आई तकलीफों का ज़िक्र है। अक्सर मैगज़ीन में महिला और पुरुषो के फैशन और ब्यूटी की बात होती है। इसीलिए इस बार वनिता लायी है कुछ नया जो लोगो की सोच से परे है। दअरसल,इस मैगज़ीन के ज़रिये से लोगों की सोच बदलना चाहते है। उन लोगो की सोच जो सोचते हैं की एक ट्रांसजेंडर या हिजड़े इंसान नहीं बल्कि एक नपुंसक है। जो लोग ये सोचते हैं कि उनके पास लोगो को तंग करने के अलावा और भीख मांगने के अलावा कोई काम नहीं है। जबसे ये कवर आया, इसकी फोटो वायरल हो गई। जेंडर इक्वलिटी के लिए लड़ने वाले लोग इसे देख इस मैगजीन के ज़रिये से हिजड़ों की आवाज घर-घर तक पहुंचेगी। उन औरतों तक, जो घर में रहती हैं। जो न अंग्रेजी मैगजीन पढ़ती हैं, न जेंडर थ्योरी को समझ पाती हैं। असेंबली में बहस के दौरान महिला संसद ने करवाया स्तनपान