वादे का हिसाब किया करना

कलम तू दिल की हर धड़कन बयाँ करना दर्द के हर साजो सामान के निशाँ रखना,, इब्दताये इश्क़ से सताये हुए हर मजनूं की लैला किये हर वादे का हिसाब किया करना,,

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