फुटबॉल नियम में किये गए बदलाव, 'वार' का उपयोग केवल स्पष्ट गलतीयो में होगा

फुटबॉल नियमों को तैयार करने वाली संस्था के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक वीडियो सहायक रेफरी (वार) का उपयोग मैदान के केवल उन निर्णय को बदलने के लिए किया जाना चाहिए जिसमें गलती स्पष्ट और प्रत्यक्ष हो. इस सत्र में इंग्लिश प्रीमियर लीग में लागू किए जाने के बाद से ही बेहद विवादास्पद रहा है. इसमें सबसे बड़ी चिंता 'ऑफ साइड' के फैसलों को लेकर जताई गई है. पिछले सप्ताहांत ही नोर्विच, ब्राइटन, शैफील्ड यूनाईटेड, वोल्व्स, ब्राइटन और क्रिस्टल पैलेस सभी के गोल 'वार' के छोटी-छोटी गलतियों को लेकर दिए गए फैसलों के कारण अयोग्य घोषित कर दिए गए.

इसके बाद यह आशंका जताई जाने लगी कि क्या उपलब्ध प्रौद्योगिकी छोटी छोटी गलतियों पर फैसले देने के लिए सटीक है? खिलाड़ियों और मैनेजरों ने भी इस पर सवाल उठाए हैं कि क्या उन मैदानी फैसलों को पलटने के लिए इस प्रणाली का उपयोग करना चाहिए जो खुली आंख से सही प्रतीत होते हैं. इस विचार का खेल के नियम बनाने वाली शीर्ष संस्था अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ बोर्ड (आईएफएबी) के महासचिव लुकास ब्रुड ने भी समर्थन किया है. ब्रुड ने इंग्लिश फुृटबॉल की किसी खास घटना का जिक्र नहीं किया लेकिन कहा कि आईएफएबी दिशानिर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि वार का उपयोग केवल स्पष्ट गलती के लिये किया जाना चाहिए और यह ऑफ साइड पर भी लागू होता है.

लुकास ब्रुड, महासचिव आईएफएबी ने कहा है की 'छोटी-छोटी गलतियों के लिए समय बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए. अगर आप यह पता करने के लिए कई मिनट लगाते हो कि यह ऑफ साइड है या नहीं तो यह स्पष्ट और प्रत्यक्ष नहीं है और मूल फैसला बने रहना चाहिए.'

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