भारत ने किया सशस्त्र संघर्षों में असैन्य नागरिकों के खिलाफ हिंसा का विरोध

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा के अभियानों में सशस्त्र संघर्षों में असैन्य नागरिकों के विरुद्ध जारी हिंसा की जमकर निंदा की है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत ने इस संवेदनशील मुद्दे पर आगे दोहराया है कि संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों में जो देश सैनिको के योगदान देने के साथ साथ उनके विचार विमर्श में भी उसकी अहमियत बढ़ेगी.

इस मामले में सैयद अकबरूद्दीन जो कि अमेरिका में भारत के स्थाई प्रतिनिधि है उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि भारत देश आम नागरिकों पर हिंसा का दमनकारी उपयोग करने पर इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है, इस दौरान सैयद अकबरूद्दीन ने आगे कहा कि भले ही यह कृत्य किसी ने भी किया हो । यह परेशानी नई नहीं है। यह बात संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ‘सशस्त्र संघर्षों में आम नागरिकों की सुरक्षा’ पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस को संबोधित करते हुए दोहराई.

सैयद अकबरूद्दीन ने आगे कहा कि युद्ध जैसी परिस्थितियों में सैन्य अभियानों के समय आम नागरिकों के जीवन के सम्मान की प्रक्रिया को नही दोहराया जाता है. परन्तु संयुक्त राष्ट्र की शांतिरक्षा स्थितियों में आम नागरिकों के समक्ष खतरे में कुछ समय से अधिक ही बदलाव देखने को मिले है.

 

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