द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुए विमानों को अमेरिका ले जाने की मिली इजाजत

नई दिल्ली : द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुए अमेरिकी वायुसेना के विमानों को बुधवार को अमेरिका भेजा जाएगा। अरुणाचल प्रदेश में अमेरिकी वायुसेना का बी-24 बम वर्षक विमान व सैनिकों के अवशेष को भेजे जाने की तैयारी शुरु हो गई है। इसकी निगरानी का जिम्मा अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टर कार्टर ने उठाया है।

कार्टर ने इसके लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है। एक संयुक्त बयान में दिल्ली में कहा गया कि भारत सरकार अमेरिकी कर्मियों के अवशेषों की स्वदेश वापसी के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता का समर्थन करने के लिए राजी हो गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के बाद पिछले साल जारी किए गए संयुक्त बयान में अवशेष वापसी का मुद्दा उठा था। बता दें कि यूपीए सरकार ने चीन के दबाव में आकर अवशेषों की बरामदगी रोक दी थी। चूंकि चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र मानता है, इसलिए उसने इस पर ऐतराज जताया था।

लेकिन अब मोदी सरकार ने अमेरिका को इसकी अनुमति दी है। ये उन सैनिकों के अवशेष है, जो असम और चीन के कुनमिंग के बीच विमान दुर्घटना में मारे गए थे। अमेरिका की मानें तो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 500 से अधिक विमान चीन-भारत-बर्मा सीमा क्षेत्र से लापता हुए थे।

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