पाकिस्तानी पत्रकारों के खतरों पर अमेरिका ने चिंता जताई

वाशिंगटन : अमेरिका ने पाकिस्तान के पत्रकारों द्वारा कठिनाइयों और खतरों का सामना किए जाने पर चिंता तो जताई, लेकिन उस पाकिस्तानी पत्रकार सिरिल अल्मीड़ा पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध पर कोई टिप्पणी नहीं की है, जिसने असैन्य और सैन्य नेतृत्व के बीच दरार के संबंध में खबर दी थी. इस बारे में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा मुझे सिरिल अल्मीड़ा पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों की जानकारी है.

उन्होंने कहा, प्रेस की स्वतंत्रता स्पष्ट रूप से वह मुद्दा है जो हम पाकिस्तान की सरकार के समक्ष नियमित उठाते रहे हैं, साथ ही पत्रकारों द्वारा कठिनाइयों और खतरों का सामना किए जाने पर भी अपनी चिंता जाहिर करते रहे हैं. किर्बी ने यह भी कहा कि हम प्रेस की स्वतंत्रता को या अत्यंत महत्वपूर्ण काम करने के लिए पत्रकारों की क्षमता को सीमित करने के सभी प्रयासों को लेकर चिंतित हैं.

जबकि उधर कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने पाकिस्तान से अल्मीडा पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध को तत्काल हटाने का अनुरोध किया है. सीपीजे के एशिया प्रोग्राम समन्वयक स्टीवेन बटलर ने कहा कि पाकिस्तान पत्रकारों के लिए खतरनाक जगह हो सकता है, लेकिन राष्ट्र की निर्भीक स्वतंत्र प्रेस की गौरवशाली परंपरा रही है. राजनीतिक मामलों के अवर सचिव टॉम शैनॅन ने अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी के साथ दोपहर का भोजन किया लेकिन उनके बीच हुई बातचीत का ब्यौरा नहीं मिला है.

बता दें कि प्रमुख पाकिस्तानी पत्रकार अल्मीडा ने हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी समूहों का शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा बचाव किए जाने की खबर दी थी. खबर में कहा गया था कि आईएसआई के इस कृत्य की वजह से पाकिस्तान असैन्य और सैन्य नेतृत्व के बीच दरार आ गई है. देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अलग थलग पड़ गया है. इस खबर के कारण अल्मीडा पर पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है.

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