2018 तक म्यूचुअल फंड आधार 325 अरब डॉलर : RCM

भारतीय अर्थव्यवस्था के सकारात्मक रुझान की वजह से देश में म्यूचुअल फंड उद्योग का परिसंपत्ति आधार 2018 तक प्रतिवर्ष 18.6 प्रतिशत की दर से बढ़ कर 325 अरब डॉलर यानी 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ने के लिए तैयार है । एक शीर्ष उद्योग विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के अध्यक्ष संदीप सिक्का ने कहा, "पिछले साल से अर्थव्यवस्था में जारी सकारात्मक माहौल से देश में खुदरा निवेशकों का आत्मविश्वास स्तर बढ़ा है।"

सिक्का के मुताबिक, "मुझे लगता है कि म्यूचुअल फंड उद्योग में सकारात्मक रुझान वापस आया है। सरकार द्वारा बढ़ावा दिए जाने से भौतिक और वित्तीय संपत्तियों का सृजन हुआ है और यह म्यूचुअल फंड को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएगा।" सिक्का, रिलायंस एसेट मैनेजमेंट (आरसीएएम) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी हैं। सिक्का के अनुसार, म्यूचुअल फंड परिसंपत्तियों का आधार 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की अवधि दो साल घटा दी गई है। यहां तक कि वर्तमान में व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो की कुल संख्या चार करोड़ है, लेकिन अगले पांच सालों में यह बढ़कर 10 करोड़ रुपये के स्तर को छू सकती है।

पिछले पखवाड़े की ओर इशारा करते हुए सिक्का ने कहा कि घरेलू फंड उद्योग जगत विदेशी संस्थागत निवेशकों के जाने की स्थिति को संतुलित कर सकता है। उन्होंने कहा, "वास्तव में, पिछले एक साल में हमारे म्यूचुअल फंड 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को संतुलित कर चुके हैं।" देश में म्यूचुअल फंड उद्योग के पिछले साल के प्रदर्शन के आंकड़ों पर सिक्का ने कहा कि अंडर मैनेजमेंट परिसंपत्तियां 31 प्रतिशत बढ़कर 11.8 लाख करोड़ रुपेय हो गई हैं। इस साल 22 लाख नए पोर्टफोलियो का निर्माण हुआ है और खुदरा फंड से तीन गुना बढ़ कर 1.63 लाख करोड़ रुपये संग्रहित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कैपिटल जैसी कंपनियों की संपत्तियां 250,000 करोड़ रुपये से अधिक है। समूह छोटे कस्बों में लोगों को शिक्षित कर रहा है और जागरूकता फैला रहा है। इससे उद्योग जगत में पहली बार निवेश करने जा रहे निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "वर्तमान में कुल निवेश की सिर्फ दो प्रतिशत राशि ही म्यूचुअल फंड में निवेश होती है।"

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