उनकी माँ सोचती हैं

त्नियाँ चाहे 45 मिनट तक  अपनी मम्मी से बात कर लें  लेकिन अंत मे एक बात ज़रूर बोलती हैं, "ठीक है मम्मी .... फ़्री होकर बात करती हुँ"

और उनकी माँ सोचती हैं  "पता नहीं बेटी को कितना काम करना पड़ता है, बेचारी २ मिनट भी चैन से बात नहीं कर पाती"

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