विवादों के घेरे से घिरीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

नई दिल्ली : इन दिनों केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी मुश्किलों में नज़र आ रही हैं। एक ओर जहां प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बतौर ओएसडी संजय काचरू को नियुक्त करने की मांग को निरस्त किए जाने के बाद अब विपक्ष ने केंद्रीय मंत्री श्रीमती ईरानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस दौरान विपक्ष का कहना है कि देश के शीर्ष शिक्षा संस्थानों में प्रमुख पदों पर आसीन लोगों को सिलेक्ट करने वाली कमेटियों को परेशान किया जा रहा है। इस क्षेत्र में आरएसएस का हस्तक्षेप भी मुश्किलभरी बात है। 
दरअसल हाल ही में कांग्रेस के कुछ नेताओं राजीव शर्मा, जेडीयू के केसी त्यागी, सीपीएम के डीराजा और एनसीपी केपी त्रिपाठी आदि ने इस मसले पर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। इन नेताओं ने कहा है कि नालंदा और तक्षशिला की तरह स्थापित इन आधुनिक इंस्टीट्युशंस की साख पर इस तरह के कदमों का असर पड़ सकता है। इन स्वायत्त संस्थानों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। 
काचरू विवाद के साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती ईरानी को लेकर विभिन्न मसलों पर विवाद किए जा रहे हैं जिसमें कहा गया है कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जाने वाली मन की बात के प्रसारण को लेकर स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों को देर तक रूकने के निर्देश दिए गए। हालांकि मामले में मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यह स्वैच्छिक किया गया है। केंद्रीय विद्यालय में जर्मन को अलग कर संस्कृत को लागू करने का निर्देश दिया गया जिसके बाद विवाद हुआ। नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमत्र्य सेन ने सरकार पर असहयोग का आरोप लगाया और फिर इस पद पर काम करने से इंकार कर दिया।

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