पहले से ही एक खाद्य प्रबंधन नीति तैयार रखने की जरुरत : रिपोर्ट

नई दिल्ली : मानसून में लगातार सामने आ रही अनिश्चितता को देखते हुए RBI ने हाल ही में यह कहा है कि यह मानसून में इस अनिश्चितता के कारण आर्थिक वृद्धि के साथ ही मुद्रास्फीति पर भी खतरा बना हुआ है. साथ ही शीर्ष बैंक का अपनी सालाना रिपोर्ट में यह भी कहना है कि मानसून में हुई प्रगति से जहाँ एक तरफ शुरूआती आशंका दूर हुई है वहीँ अब भी अन्य प्रगति और वितरण को लेकर असमंजस बना हुआ है और यह मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के लिए एक जोखिम ही है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह बात भी साफ की है कि हमें पहले से ही एक खाद्य प्रबंधन नीति को तैयार करने की जरुरत है क्योकि मानसून की स्थिति कमजोर साबित हो रही है जिससे बाद में एक तरह से निपटने में यह रणनीति कारगर साबित होगी.

साथ ही इस रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि वित्त वर्ष 2015 - 2016 के शुरुआत के 4 महीनों के दौरान वास्तविक गतिविधियों के संकेतक रिजर्व बैंक की इस साल की 7.6 प्रतिशत सकल वृद्धि के अनुमान के अनुरूप है. इसके साथ ही यह भी बता दे कि मानसून की संभावनाओं और इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत को लेकर शुरूआती परिस्तिथि को RBI ने ध्यान में रखते हुई चालू वित्त वर्ष के अप्रैल में यह अनुमान जताया था कि मुद्रास्फीति अगले साल जनवरी तक 6 प्रतिशत रहेगी.

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